
करणी माता मंदिर: विश्व का एक ऐसा मंदिर जहां पूजे जाते है चूहे
Karni Mata Temple In Hindi – करणी माता मंदिर के दर्शन
राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में स्थित करणी माता का मंदिर विश्व भर में अपनी अद्भुत छवि के लिए मशहूर है। मंदिर प्रांगण में लगभग 25 हजार से अधिक चूहों के बीच माता करणी शक्ति स्वरूपा मां जगदंबा की साक्षात अवतार मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार अब से लगभग साढ़े छह सौ वर्ष पूर्व जिस स्थान पर यह भव्य मंदिर है, वहां एक गुफा में रहकर माता करणी अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना किया करती थीं। यह गुफा आज भी मंदिर परिसर में स्थित है। माता करणी के ज्योर्तिलीन होने पर उनकी इच्छानुसार उनकी मूर्ति की इस गुफा में स्थापना की गई थी।
इस मन्दिर का निर्माण बीकानेर के राजा गंगा सिंह ने राजपूत शैली में लगभग 15 से 20 वीं सदी में करवाया था। मन्दिर के सामने महाराजा गंगा सिंह ने चांदी के दरवाजे भी बनाए थे।
सफेद संगमरमर से बने खूबसूरत नक्काशी वाले मंदिर के मुख्य दरवाजे को पार कर मंदिर के अंदर पहुंचते ही हजारों की संख्या में चूहों की धमाचौकड़ी देखकर आप दंग रह जायेंगे। यहाँ चूहे पूरे मंदिर प्रांगण में मौजूद रहते हैं। कहीं प्रसाद खाते तो कहीं चनामृत के दूध को भोग लगाते चूहे श्रद्धालुओं के शरीर पर भी कूद-फांद करते हैं, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।
माता के दरबार में इतने चूहे होने की वजह से माता करणी देवी का यह मंदिर “चूहों वाले मंदिर” के नाम से भी विख्यात है।
यहां आने वाले सभी श्रद्धालु चूहे का ही झूठा प्रसाद खाते हैं। कहा जाता है कि इन चूहों के झूठे प्रसाद खाने से धन समृद्धि बनी रहती है। मंदिर आने वाले श्रद्धालु यहां चूहों को करणी माता के संतान मानते हैं और इन्हें काबा के नाम से बुलाते हैं। अचंभित करने वाली बात तो यह है कि इस मंदिर में चूहों की इतनी ज्यादा संख्या काफी होते हुए भी आज तक प्लेग जैसी बीमारी का शिकार नहीं हुआ।
इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि किसी श्रद्धालु को यदि यहां सफेद चूहे के दर्शन होते हैं, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन अगर किसी के पैर से दबकर किसी चूहे की मौत हो जाती है तो इसे काफी अशुभ माना जाता है। इसलिए यहां आआने वाले श्रद्धालु अपना पैर उठाकर नहीं बल्कि घसीट कर चलते हैं।
मंदिर में रोजाना सुबह पांच बजे मंगला आरती और सायं सात बजे आरती होती है जिस समय चूहों की जुलूस देखने लायक होती है। सभी चूहे अपने बिल से निकलकर माता की आरती में शामिल होने पहुंचते हैं। लेकिन वर्ष में दो बार नवरात्रों पर चैत्र व आश्विन माह में इस मंदिर की शोभा आसमान पर होती है। यहाँ विशाल मेला भी लगता है। नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालु भारी संख्या में आते है और मन्नतें मांगते हैं।
Karni Mata Temple Photos
कैसे जाएं: How To Reach Karni Mata Temple Bikaner
बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर पर स्थित माता करणी के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बीकानेर से बस, जीप व टैक्सियां आसानी से मिल जाती हैं। बीकानेर-जोधपुर रेल मार्ग पर स्थित देशनोक रेलवे स्टेशन के पास ही है।
BY AIR
The nearest airport is at Jodhpur 220 km away.
BY TRAIN
The nearest railway station is Bikaner about 30 km away. It is well connected to cities like Delhi, Kolkata, Agra, Jaipur, Allahabad, etc.
Weather: 34° C
Timings (मंदिर पहुंचने की टाइमिंग) : 5:00 AM – 10:00 PM
Time Required: 1 – 2 hrs
Entry Fee: No Entry Fee